प्रस्तावना

Last Updated On: 04/04/2022

आपदा प्रबंधन कार्यक्रम, आईआरसीएस एन.एच.क्यू., दिल्ली द्वारा वित्त पोषित

 

     हिमाचल प्रदेश अपनी मुश्किल स्थलाकृति, एक उच्च भूकंपीय स्थिति और नाजुक पारिस्थितिकी में प्रकृति के कहर से हर साल अनमोल मानव जीवन और संपत्ति के नुकसान को अनुभव करता है। राज्य  को भूकंप, भूस्खलन, बाढ़, आग आदि प्राकृतिक आपदाओं का खतरा है।

    इसलिए भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी ने आपदा प्रबंधन तैयारी कार्यक्रम के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश में 2012  से स्थानीय युवाओं को आपदा प्रबंधन तैयारी का प्रशिक्षण प्रदान किया है। यह, यह सुनिश्चित करने के लिए है की प्राकृतिक आपदाओं के दौरान वह बचाव दल से पहले आपदा स्थान पर पहुंच कर लोगों की जान बचा सकें। जनसंख्या वृद्धि, शहरीकरण और निर्माण की बढ़ती गति आपदाओं की रोकथाम और शमन के लिए चुनौतियां हैंजिसके लिए पर्याप्त योजनायें आवश्यक हैं। इसलिए इस क्षेत्र के क्षमता निर्माण में सुधार करने की तत्काल आवश्यकता है।

    शहरों के विस्तार के कारण गांव भी विकास का एक हिस्सा हैं। गांव भी असुरक्षा के संपर्क में हैं और यदि भविष्य में कोई आपदा आती है तो बड़े नुक्सान की सम्भावना है। ज़िला स्तर (गांव) पर आपदा प्रबंधन तैयारी योजनाओं का लक्ष्य आपदाओं में जीवन और संपत्ति के संभावित नुकसान को कम  करना और आपदाओं के साथ मुकाबला करने के लिए मजबूत तैयारियां, प्रतिक्रिया, राहत और पुनर्वास उपायों को सुनिश्चित करना है। यदि कोई आपदा आती है, तो हिमाचल प्रदेश के दूरदराज के आपदा के खतरों में आने वाले क्षेत्रों में लोगों की जान बचाना प्रशासन के लिए आसान नहीं है।