मछली एक चिकित्सक के रूप में :-
दिमाग को तेज करने के लिए मछली खायें :-
यह व्यापक रूप से माना जाता है कि देश या समुदाय जो अपने आहार में मछली सेवन करतें हैं, दूसरों की तुलना में अधिक बुद्धिमान होते हैं| शोधकर्ताओं ने साबित किया है कि कुछ पोषक तत्व जो मस्तिष्क के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं, वे मछली के तेल में बहुत ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं| फैटी एसिड डोकोसा हैक्साइनोइक एसिड (DHA) मस्तिष्क में बड़ी मात्रा में होता है परन्तु मानव शरीर इस फैटी एसिड को उस मात्रा में नहीं उत्पन्न कर पाता, जितनी मस्तिष्क को आवश्यकता होती है| यह आम तौर पर मांस, अण्डा, मछली विशेष रूप से मछली तेल में पाया जाता है, और आहार द्वारा शरीर की कमी को पूरा करता है| मैकरल (Meckerel), सार्डीन (sardine), हैरींग (Herring), और टूना (Tuna) मछलियों में DHA पर्याप्त मात्रा में होता है परन्तु कॉड (Cod), plaice or Monk Fish में DHA केवल जीगर (Liver) में पाया जाता है| मछली Elcosa Pentaenoic Acid (EPA) और डोकोसा हैक्साइनोइक एसिड में समृद्ध है और यह पोली अन्सेच्युरेटिड फैटी एसिड बहुत महत्वपूर्ण है| ऐसा माना जाता है कि EPA और DHA आहार में कम से कम 200 मिली ग्राम प्रतिदिन होने चाहिए और यह मात्रा आसानी से एक सप्ताह में एक बार मछली खाने से प्राप्त हो सकती है| एक शोध में पाया गया है कि नर बानरों और चूहों को यह डोकोसा हैक्सानोइक एसिड (DHA) समृद्ध आहार खिलाने से उनकी सिखने की क्षमता में काफी सुधार पाया गया| कुछ दृष्टि की जागरूकता में भी वृद्धि पाई गयी| ऐसे प्रयोगों द्वारा यह निष्कर्ष निकाला जाता है कि DHA आंखों की रोशनी बढ़ाने में और त्वचा सम्बन्धी समस्याओं को सुलझाने में मदद्गार होता है| DHA गठिया में होने वाली दर्द को भी कम करता है|
अपने हृदय की रक्षा के लिए मछली लें|
न्यू ओर्लीयंस, ब्रीघम और महिला अस्पताल में वार्षिक अमेरिकन हार्ट असोसिएशन की बैठक में चिकित्सकों ने कहा – कि ओमेगा - 3 फैटी एसिड जो कि सालमन, मैकरल, टूना और सार्डीन्स में पाया जाता है, वह ऊतकों और धमनियों में प्रवेश कर हृदय की रक्षा करता है| उन्होंने कहा कि सप्ताह में कम-से-कम एक बार मछली खाने से अचानक हृदय गति रुकने से मरने की संभावना आधी हो जाती है यह निष्कर्ष 22000 पुरूष चिकित्सकों पर 12 साल के शोध पर आधारित है| यह पाया गया कि जो लोग सप्ताह में कम से कम एक बार फैटी मछली खातें हैं, उनकी हृदय सम्बन्धी समस्यायें 50 प्रतिशत कम हो जाती है| यह हालांकि मछली का उपयोग अचानक मृत्यु के जोखिम को कम करने में सहायक होता है, परन्तु ज्यादा मछली खाने से यह बहुत अधिक अंतर नहीं लाता| ओमेगा - 3 फैटी एसिड हृदय गति को बढ़ाकर रक्त के थक्के जमने से बचाता है और हृदय धमनियों में प्लाक बनने से रोकता है|
ब्लड प्रैशर को कम करने के लिए मछली लें|
कुछ रक्त चाप से पीड़ित लोगों में ओमेगा -3 पोलीअनसैचुरेटिड युक्त मछली खाने से ब्लड प्रैशर में गिरावट पायी गयी| जौन हैकिन्स मेडिकल स्कूल अमेरिका के चिकित्सकों के अनुसार 3 ग्राम या अधिक मछली का तेल हर रोज लेने से ब्लड प्रैशर में लगभग सिस्टोलिक 5.5 mm Hg. और डायस्टॉलिक प्रैशर में लगभग 3.5 mm Hg. की गिरावट पायी गयी| यह उच्च रक्त चाप वाले लोगों में अधिक प्रभावी नहीं|
कर्क रोग से बचने के लिए मछली लें|
वैज्ञानिक यह कह रहें हैं कि अपने आहार में मछ्ली लेने से कुछ प्रकार के कैंसर से बचा जा सकता है| मनुष्य में अभी प्रमाणित नहीं हुआ है, परन्तु पशुओं में अध्ययन के बाद पाया गया है कि ओमेगा – 3 फैटी एसिड समृद्धबसा कैंसर को कम करने में लाभदायक है| इसलिए अगली बार जब आप भोजन की योजना बनायें तो सप्ताह में कम-से-कम एक बार मछली लेना सुनिश्चित करें|
मछली हमारे लिए कितनी अच्छी हैं?
मछली गैर साकाहारियों के लिए सबसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थों में से एक है| यह पोषक और स्वादिष्ट है| मछलियों का आहार बनावट, रंग, त्वचा, हड्डी और स्वाद में अलग-अलग होती है| यह एक विशिष्ट मांस है, जो फैटी एसिड में समृद्ध है| इनमें अनेक प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व होते हैं| मछली भारत और जापान के कई भागों में एक मुख्य भोजन है| मछली का स्वाद इसके मूल क्षेत्र पर निर्भर करता है कि वह खारे पानी की मछली है या ताजे पानी की| उसमें बसा कितनी मात्रा में है और उसे ताजा खाया जाये या प्रतिरक्षित करने के बाद| शायद ही कोई अन्य खाद्य पदार्थ इतने विविध तरीके से पकाया और खाया जाता है| ताज़ी मछली को स्टीम उबालकर, बेक करके, विभिन्न प्रकार की कढ़ी बनाकर, भूनकर, कटलेटस, आचार, चिप्पस, बिरयानी इत्यादि के रूप में सबसे अधिक पसंद किया जाता है, सुखाई हुई मछली तलके, चटनी बनाकर और पाउडर बनाकर भी ली जाती है|
मछलियों में आवश्यक अमाइनो एसिड की अधिकता होती है मछली प्रोटीन का एक अच्छा स्त्रोत है और मछली के शरीर का 17 से 20 प्रतिशत भाग प्रोटीन होती है| मछली की प्रोटीन सभी आवश्यक अमाइनो एसिड का अच्छा स्त्रोत है| मछली प्रोटीन लाइसीस और थ्रियोनियन (Lysine & Threonine) में समृद्ध होती है जो अनाज में पाए जाने वाले प्रोटीन के साथ एक पूरक आहार बनाती है| छोटी मछलियां यदि हड्डियों के साथ खाई जाए तो कैल्शियम की एक अच्छी स्त्रोत है| मछली के खारे भाग की ऊर्जा उसमें मौजूद वसा पर निर्भर करती है, जो कि मछली निर्माण करता है| प्रजनन के समय वसा में वृद्धि होती है और ऊर्जा को बढ़ाता है| अध्ययनों ने सिद्ध किया है कि मछली खाने से हृदय रोग में कमी होती है|
वैज्ञानिकों ने भी पता लगाया है कि ओमेगा – 3 फैटी एसिड आंखों और मस्तिष्क के विकास के लिए आवश्यक है| मछली मस्तिष्क के लिए भोजन है परन्तु यह कहना गलत होगा कि जो लोग मछली खाते हैं, वे शाकाहारी लोगों की अपेक्षा में मानसिक रूप से बेहतर हैं| मछली N-3 PUFA का एक अच्छा स्त्रोत है, बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ देता है| जो लोग मछली को पसंद करते हैं, उन्हें सप्ताह में दो बार 100 से 200 ग्राम मछली लेनी चाहिए| मछली के तेल युक्त कैप्सूल जिनमें N-3 PUFA पाया जाता है वे Hypertrigly ceridaemia, thrombosis और सुजन वाली मछलियां जैसे कि मैकरल और ट्राउट चरम रोगों से राहत दिलाती है, और ऐसे मरीजों को नियमित रूप से मछली खानी चाहिए| यह प्रायः मछली में मौजूद ओमेगा – 3 फैटी एसिड या विटामिन – D के कारण होता है| खारे पानी की मछली आयोडीन, फास्फोरस और कैल्शियम में समृद्ध है| जो लोग नियमित तौर से खारे पानी की मछली खाते हैं उन्हें इन खनिजों की कमी नहीं होती| मछली में ताम्बा, विटामिन – A और D भी मौजूद होती है| शार्क, कॉड और हैलिवट मछलियों का लीवर तेल इन विटामिनों में बहुत समृद्ध है|
गर्भवती माताओं के लिए एक खोज:-
ब्रिस्टल महाविद्यालय के अनुसार मछली का प्रयोग गर्भावस्था के बाद के चरण में बच्चे के अंतर्निहित विकास में बहुत महत्वपूर्ण साबित हुआ है| शोध ने शाबित किया है कि मछलियों में ओमेगा – 3 फैटी एसिड की उपस्थिति बच्चे के स्नायुतन्त्र (मस्तिष्क) के विकास में सहायक है जिसके दौरान भ्रूण मात्री रक्त से अधिक पोषण प्राप्त करती है| इसका कारण यह है कि बढ़ा हुआ रक्त परिसंचरण (Blood circulation) प्लेसेन्टा में अधिक रक्त प्रभावित करता है और इसके फलस्वरूप भ्रूण मात्री रक्त से अधिक पोषण प्राप्त कर पाता है|
ने 12 हफ्ते तक अधिक वजन वाले महिला और पुरुष, जिनकी उम्र 45–70 वर्ष की थी| उन्हें दिन में एक बार 1.8 ग्राम DHA , डोकोसा हैक्सानोइक एसिड (ओमेगा-3 फैटी एसिड) दिया| सभी महिलाओं और पुरूषों का शरीर इन्सोलिन प्रतिक्रिया नहीं कर पाता था| यह पाया गया कि लगभग 70% प्रतिभागियों में इन्सोलिन से प्रतिरोधक क्षमता कम हुई और 50% लोगों में काफी अच्छे परिणाम पाये गये|
परन्तु कोई भी व्यक्ति जो मछली का तेल अधिक मात्रा में लेने पर विचार कर रहा है, उसे अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य लेनी चाहिए, क्योंकि DHA रक्त को पतला करता है| इसके अतिरिक्त टाइप-2 डाईबीटीज से बचने के लिये नियमित व्यायाम और ग्लुकोफेज दवा भी सहायक होती है|
स्वास्थ्य और मस्तिष्क के लिये मछली लें :-
शोध के द्वारा पता चला है कि ट्राउट और अन्य तेल समृद्ध मछलियां हृदय रोग से होने वाली मृत्यु को रोकने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है| स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सुझाव है कि सप्ताह में दो बार मछली लेनी चाहिए, जिसमें से एक बार ओमेगा-3 पोलीअनसेचुरेटीड फैटी एसिड समृद्ध होनी चाहिए | अनुसंधान इंगित करता है, कि इससे हार्ट अटैक का खतरा कम होता है, क्योंकि रक्त वसा तथा रक्त के थक्के जमना कम होता है| ट्राउट कम वसा, कम क्लोरीन (135 किलो कैलोरी प्रति 100 ग्राम) वाली मछली है| यह आयरन कैल्शियम सेलिनियम और विटामिन A,B1,B2,B6, और B12 का बहुत अच्छा स्त्रोत है| इसमें बहुमूल्य प्राकृतिक पाये जाते हैं, जो त्वचा और बालों की सही देखभाल करने में सहायता करते हैं| यह बेहद स्वादिष्ट और पकाने में सुविधाजनक होता है| एक स्वादिष्ट ट्राउट भोजन बनाने व खाने लिए 15 मिनट से भी कम समय लगता है| चिकित्सा अनुसंधान में पाया गया है कि शिशुओं में मस्तिष्क और रेटिना के विकास के लिए ओमेगा-3 अतिआवश्यक होता है| इसके अलावा गठिया में भी मछली का तेल सहायक होता है|
स्त्रोत :- ब्रिटिश न्यूट्रीशन फाऊंडेशन कॉन्फ्रेंस, 1 दिसम्बर, 1999
ट्राउट खाने से आप बुद्धिमान बन सकते हैं :-
ट्राउट ओमेगा–3 तेलों से भरपूर है और बैज्ञानिकों खाने का कहना है कि यह आपकी बुद्धि में सूधार कर सकती है| मस्तिष्क का 60% भाग वसा है जो कि एक विशेष प्रकार की वसा है| ट्राउट ओमेगा-3 तेलों में समृद्ध है जिसे “Good Fat” कहा जाता है क्योंकि यह मस्तिष्क की मुरम्मत और कोशिकाओं के पुनर्निर्माण में मदद करता है| आज कल हम ओमेगा-3 तेलों युक्त बहुत कम भोजन खाते हैं, परन्तु दिमाग को खुश रखने के लिए और सही तरह से चलाने के लिए ओमेगा-3 युक्त भोजन खाने की जरूरत होती है|
· ट्राउट प्रोटीन से भरा है जो आपको ऊर्जा देता है| (मांसपेशियों के निर्माण के लिए लाभकारी)
· ट्राउट में आवश्यक विटामिन और खनिज हैं|
· ट्राउट कैल्शियम में समृद्ध हैं| (स्वस्थ हड्डियों और दांतों के लिए)
· ट्राउट आयरन में समृद्ध है| (स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं के लिए)
· ट्राउट सेलिनियम में समृद्ध है| (स्वस्थ हृदय के लिए)
· ट्राउट विटामिन A का एक उत्तम स्त्रोत है| (स्वरूप त्वचा के लिए और संक्रमण से बचने के लिए)
· ट्राउट विटामिन D का एक उत्तम स्त्रोत है| (मजबूत दांतों और हड्डियों के लिए)
· ट्राउट में अनसैच्युरेटीड फैटी एसिड कम हैं|
· ट्राउट में ओमेगा-3 प्रचुर मात्रा में है|
ट्राउट / सालमानिड मछली खाने से महिलाओं में मधुमेह का इलाज :-शोधकर्ताओं ने पाया है कि मधुमेह रोग से ग्रसित महिलायें जो सप्ताह में पांच दिन मछली खाती है, उनमें हृदय रोग सम्बन्धी समस्याओं का ख़तरा 65% कम होता है|
मछली का तेल स्तन कैंसर के इलाज में सहायक :-
एक वैज्ञानिकों के समूह द्वारा किये गये अध्ययन के दौरान यह पाया गया कि ओमेगा -3 फैटी एसिड को चेतना शून्य कर देने वाली औषधी के साथ मिलाने से स्तन कैंसर के खिलाफ एक शक्तिशाली दवा तैयार की जा सकती है| यह दोनों तत्व कैंसर कोशिकाओं को बढ़ाने से रोकते हैं, और अन्य भागों में कैंसर का प्रसार भी रोकते हैं, डॉक्टर सारा रौलिग़ जो कि एक शोधकर्ता हैं, ने बताया कि दो प्रकार की ओमेगा -३ फैटी एसिड डी एच ए और ई पी ए को एनेस्थेटिक प्रोफेल में मिलाने से कैंसर का इलाज करने वाली दवाई बनाई जा सकती है| वर्तमान समय में यह कहना मुश्किल है कि यह दवाई कैंसर प्रभावित महिलाओं पर कितनी प्रभावी हो सकती है|
फैटी मछली का सेवन मानसिक गिरावट को कम कर सकता है :-
एक नये अध्ययन में पाया गया है कि मछली बसा का सेवन मध्य आयु में मस्तिष्क के कार्य प्रणाली में अहम भूमिका निभा सकता है| हैल्थ स्काउट (Health Scout) पत्रिका में एक रिपोर्ट के अनुसार नीदरलैंड में 1613 पुरूष एवं हिलायें, जिनकी आयु 45 से 70 वर्ष के बीच थी, का अध्ययन किया गया| ये आहार में अधिक मछली खातें हैं| जिस प्रकार की वसा को आहार में लिया जाता है उसका प्रभाव मनुष्य के मानसिक लचीलेपन, गति और समग्र कार्य पर होता है| उत्तरी यूरोपीय समुद्री तट रेखा पर बर्फीले पानी में पाई जाने वाली मैकरल (Meckerel), सालमन (Salmon), ट्राउट (Trout), हैरिंगस (Herrings), मछलियां फैटी मछलियां होती है| यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर युट्रेक्ट के शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग ओमेगा – 3 पोलीअन्सेच्युरेटिड फैटी एसिड युक्त आहार लेते हैं, और बसा युक्त मछली का सेवन करते हैं उनमें दुर्बल मस्तिष्क होने का खतरा कम होता है| एल्जाइमर रोग की शुरुआत से कई दशक पहले मानसिक कौशल में गिरावट
आ सकती है| अध्ययन कहते हैं कि मध्य आयु में मस्तिष्क के कार्यों की जांच करना मह्त्वपूर्ण है|
द ट्रिव्यून – 4 फरवरी, 2004