उपयोगी सुझाव
1. चलते सामी रौड के सामने का सिरा अपने आगे न रखेँ | इससे बेहतर आप उसके पीछे वाला सिरा सामने की ओर रखेँ |
2. लाईन का सिरा अकसर जांच लें और घिसे हुए भाग को काट लें |
3. एक त्वरित झटका , रौड को हिलाना – तेज व धीमी गति का एहसास प्रायः मछ्ली को आकर्षित करता है |
4. सपून को हमेशा पौलिस्ड रखें क्योकि मचलियाँ प्रायः चमकीली सतह की ओर आकर्षित करता है |
5. बिना लैडिग नैट या बर्छिदार कांटे के मछ्ली पकड़ने न जाये |
6. ऊबड़ – खाबड़ रास्ते मे न जाए , यह हानिकारक हो सकता है |
7. कांटे को स्टिकता से फ़ैकना उसे दूर फ़ैकने से बेहतर है |
8. गट को हल्का सा भी खराब न होने दें अन्यथा आप मुसीबत मे पड़ जायेंगे |
9. सभी काँटों को जाच ले की वीएच तेज हो |
10. ज़्यादातर एंगलर नदी के ऊपर की ओर मछ्ली पकड़ने की सलाह देते है क्योंकि नीचे ऊपर या किन्नारों को तरफ नही देख सकती | इससे मछ्ली पकड़ने की बेहतर संभावना है और मछ्ली के मुंह से हुक निकल नही पता |
11. मछ्ली आकार व रूप मे अंतर कर सकती है | हमेशा चारे का बेहतर चयन करें |
12. यदि गट बार बार मुड़े तो अपनी अंगुलियों व अंगूठे को गिला करके उनमे से उसे ले जाए , इससे वह सीधा हो जाएगा |
13. रील को ऊपर टक न भरें , इससे लाईन जाम हो जाएगा |
14. अपनी रील को अधूरा न भरें, इससे कांटा दूर टक नही जाएगा |
15. गाँठो को बांधते समय ज़ोर का झटका न दे, इन्हें आराम से खींचे |
16. बेहतर उपकरणों से बेहतर खेल मिलता है |
17. चारे को नदी के ऊपर की तरफ फेंकना काफी प्राकृतिक लगता है |
18. यदि ट्राउट फैलाई न पकड़े तो स्पून के साथ प्रयत्न करना |
19. सूर्य के सामने खडे होकर पकड़ने से परछाई पानी में नही पड़ती | एंगलर की परछाई मछ्ली को डरा देती है |
20. यात्रा पर जाने से पहले अभ्यास कर लें , क्योंकी अच्छे से कांटा फैंकने से अच्छी मछ्ली पकड़ी जाती है |
21. हल्के उपकरणों से मछ्ली पकड़ने के बेहतर परिणाम मिलते हैं |
22. बेहतरीन मछ्ली पकड़ने के स्थान हैं – डूबी चट्टानें, चक्रवात, झरनें तथा गहरे तालाब |
23. जहां चोटी मछलियाँ ढेर सारी हों, वह एक बेहतर स्थान है |
24. यदि एक स्थान पर आप सफल हो जाएँ तो कुछ समय के लिए विराम दें , तथा घण्टों बाद फिर कोशिश करें, अन्यथा वह जगह खाली हो जायगी |
25. जैसे ही फलाई पानी की स्तह को छूती है उसी समय ट्राउट उसे निगल लेती है | इसलिए एंगलर को तुरंत कारवाई कर अवसर का पूरा लाभ लेने के लिए तैयार रहना चाहिए |
26. ट्राउट को देखने पर नदी के आसपास लगे पौंधों में फलाई को इस प्रकार फैकें, मानों वह स्वाभाविक रूप से वहाँ गिरि हो | इससे मछ्ली की संभावना बढ़ जाती है |
27. जहां मछ्ली का आहार जाता है वहीं आपका चारा जाना चाहिए |
इसलिए हुच टुकड़ों को नदी मे फैंक कर देखें कि वो कहाँ जाते हैं |
28. सुबह के समय ज्यादा मछलियाँ पकड़ी जाती है तथा शाम को भारी मछलियाँ |
29. ट्राउट व ज़्यादातर मछलियाँ किनारों व झाड़ियों के नीचे छिप जाती हैं| यदि ठंडी हवा चल रही हो तथा संभव हो धूप को तरफ आती है |
30. यदि चोटी मछलियों का झुंड को तो कुछ देर ठहरें तथा झुंड से कुछ ऊपर कांटा फ़ैंके |
31. हल्की गर्मी मे मछलियाँ गहरे पानी मे चली जाती है , इसलिए कांटा गहरा फैंकना चाहिए |
32. अपनी मछ्ली को पकड़ने से पहले उसे पूरी तरह से थका लें , और कोई जल्दबाजी न करें , पानी में छींटे न मारें , इससे मछ्ली भाग सकती है |
33. आप कितने भी चौकस हो दुर्घटना झो सकती है , इसलिए मुरम्मत का सामान साथ ले जाये |
34. तेज पानी में न जाए, यह खतरनाक है |
35. पड़ी हुक आपकी त्वचा में चला जाए तो इसे बाहर न खींचे , उसे हल्का धक्का देकर व धागा काटकर बाहर निकालें |
36. मछ्ली को घर ताजा लाया जा सकता है, यदि टोकरी के तल में हरी घास बिछा दी जाए तथा मछ्ली व घास को परतें बिछाई जाए | बोरी को कस कर लपेटें और बांध दें | उसे पानी में डुबोयेँ और कार के बम्पर पर बांध दें ताकि वह गिला रहे | जब आप उसे खोलेंगे तब मछ्ली फ्रिज में रखी मछ्ली के समान ठंडी होगी |