अच्छे मछ्ली स्वास्थ्य के दस स्वर्ण नियम – ट्राउट मत्स्य पालकों हेतु :-
1 मछ्ली के अंडे या अंगुलिकाये केवल ऐसी जगह से मछ्ली के स्वास्थ्य कि सही देखभाल हों,जैसे कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्धारा चलाये जा रहे ट्राउट मत्सय फार्म |
2 रेसवेज मे मछ्ली को एक अनुकूल घनत्व मे रखे चार से पाँच किलो ग्राम पीटीआई मी0 घनत्व आमतौर पर उचित माना जाता है |
3 रेसवेज मे पानी का वेग मछ्ली की लम्बाई का दुगुना होना चाहिए |
4 मछ्ली को प्रतिदिन खिलाये जाने वाले आहार का सीधा संबन्ध पानी के तापमान से होता है ,अधिक आहार खिलाने से मछ्ली को गम्भीर बीमारिया हों सकती है | इसके अतिरिक्त आर्थिक नुकसान भी हों सकता है |
5 रेसवेज की उचित अंतराल प्र साफ सफाई तथा विसक्रमण मछ्ली को विभिन्न रोगो से बचाता है |
6 धारा के उद्गम की ओर से सख्त निगरानी रखे | यह पानी मल या कीटनाशक इत्यादी से मुक्त होना चाहिए |
7 बार – बार मछ्ली कों छूना नही चाहिए क्योकि इससे मछ्ली अनावश्यक तनाव मे आ जाती है | मछ्ली का उपचार या घटाव अनुभवी लोगों द्धारा ही किया जाना चाहिए |
8 नियमित रूप से स्वास्थ्य नियंत्रण उपायों कों सुनिश्चित करे |
9 किसी भी रोग के लक्षण पर आहार देना बंद कर दे और किसी मत्स्य स्वास्थ्य संबंधी सेवा से व्यक्तिग्त सलाह ले |
10 मत्स्य भण्डार रेसवेज मे डालने से पहले सभी उपकरणों व रेसवेज को खाली करके विसक्रमित किया जाना चाहिए |