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मछली के बेहतर स्वास्थय हेतु 10 स्व्रर्ण नियम

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Last Updated On: 07/02/2023  

अच्छे मछ्ली स्वास्थ्य के दस स्वर्ण नियम – ट्राउट मत्स्य  पालकों हेतु :-

1    मछ्ली के अंडे या अंगुलिकाये केवल ऐसी जगह से मछ्ली के स्वास्थ्य कि सही देखभाल हों,जैसे कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्धारा चलाये जा रहे ट्राउट मत्सय फार्म |

2    रेसवेज मे मछ्ली को एक अनुकूल घनत्व मे रखे चार से पाँच किलो ग्राम पीटीआई मी0 घनत्व आमतौर पर उचित माना जाता है |

3    रेसवेज मे  पानी का वेग मछ्ली की लम्बाई का दुगुना होना चाहिए |

4    मछ्ली को प्रतिदिन खिलाये  जाने वाले आहार का सीधा संबन्ध पानी के तापमान से होता है ,अधिक आहार खिलाने से मछ्ली को गम्भीर बीमारिया हों सकती है | इसके अतिरिक्त आर्थिक नुकसान भी हों सकता है |

5    रेसवेज की उचित अंतराल प्र साफ सफाई तथा विसक्रमण मछ्ली को विभिन्न रोगो से बचाता है | 

6    धारा के उद्गम की ओर से सख्त निगरानी रखे | यह पानी मल या कीटनाशक इत्यादी से मुक्त होना चाहिए |

7    बार – बार मछ्ली कों छूना नही चाहिए क्योकि इससे मछ्ली अनावश्यक तनाव मे आ जाती है | मछ्ली का उपचार या घटाव अनुभवी लोगों द्धारा ही किया जाना चाहिए |

8    नियमित रूप से स्वास्थ्य  नियंत्रण उपायों कों सुनिश्चित करे |

9    किसी भी रोग के लक्षण पर आहार देना बंद कर दे  और किसी मत्स्य स्वास्थ्य संबंधी सेवा से व्यक्तिग्त सलाह ले |

10   मत्स्य भण्डार रेसवेज मे डालने से पहले सभी उपकरणों व रेसवेज को खाली  करके विसक्रमित किया जाना चाहिए |    

 

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